अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस कब मनाया जाता है? हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के विभिन्न देशो में 21 मार्च को ‘#अंतरराष्ट्रीय_रंगभेद_उन्मूलन_दिवस’ मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस 2017 का विषय था- ‘उत्पीड़न के संदर्भ में नस्लीय रूपरेखा और भेदभाव के लिए उत्तेजना’ है। रंगभेद समाज में फैली एक कुरीति है, जो मानवता पर सीधा प्रहार करती है। यह स्थिति मानवाधिकार का उल्लंघन है। अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस का इतिहास: यह दिवस 21 मार्च 1960 की एक घटना से जुड़ा है जिसमें पुलिस द्वारा की गयी गोलीबारी में 69 लोग मारे गये थे। दक्षिण अफ्रीका में पुलिस से इन निहत्थे लोगों पर उस समय गोलीबारी आरंभ की जब वे #शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। इस घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व भर ने किसी के भी अधिकार का हनन रोके जाने हेतु दिवस मनाये जाने का आग्रह किया एवं 1966 में जातीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस का उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस का उद्देश्य है समाज में समानता लाने के लिए जागरूकता लाई जाए।
अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य: वर्ष 2016 के अंतर्राष्ट्रीय नस्लीय भेदभाव उन्मूलन दिवस का विषय था- ‘#डरबन_घोषणापत्र एवं कार्य योजना की उपलब्धियां एवं चुनौतियां।’ सितंबर 2016 को संयुक्त राष्ट्र ने ‘#टूगेदर’ नामक कार्यक्रम आरंभ किया था जिसका उद्देश्य एक-दूसरे के लिए सम्मान, प्रेम, सुरक्षा तथा आदर की भावना बनाना है। इसी उद्देश्य को लेकर, संयुक्त राष्ट्र ने जातीय भेदभाव के खिलाफ अन्य कार्यक्रम भी लॉन्च किये। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा भी वर्ष 2016 में ‘स्टैंड अप फॉर समवन्स राइट्स टुडे’ नामक अभियान आरंभ किया गया ताकि हम उन लोगों की सहायता कर सकें जिन्हें उनके अधिकार नहीं मिल रहे अथवा उनका हनन किया जा रहा है। वर्ष 2001 में डरबन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नस्लवाद के खिलाफ विश्व सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें नस्लीय भेदभाव, विद्वेष और संबंधित असहिष्णुता पर कार्ययोजना तैयार की गयी। 21 मार्च 1960 को दक्षिण अफ्रीका के शार्पविले नामक स्थान पर रंगभेद पर आधारित पारित किये गये कानून के विरोध में शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग कर दी जिसमे 69 लोग मारे गये। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1966 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नस्लीय भेदभाव के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को बढ़ाने हेतु आह्वान किया। डरबन घोषणापत्र एवं कार्य योजना को वर्ष 2001 में आयोजित नस्लवाद, नस्ली भेदभाव, विद्वेष और संबंधित असहिष्णुता के खिलाफ विश्व सम्मेलन में अपनाया गया। यह नस्लवाद, असहिष्णुता एवं भेदभाव के संबंधित रूपों से लड़ने के लिए सबसे व्यापक रूप से तैयार की गयी रूपरेखा है। यह विश्व समुदाय द्वारा भेदभाव एवं असिष्णुता के खिलाफ लिए गये संकल्प को दर्शाती है। इसके मेनिफेस्टो में नस्लवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से विभिन्न उपायों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल की गयी है जिसमें सभी समुदायों के खिलाफ हो रहे नस्लीय भेदभाव को रोकने हेतु उपाय शामिल हैं। इस दस्तावेज़ में पीड़ितों को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में स्वतंत्रता देने और समानता से भाग लेने के अधिकार पर जोर दिया गया है।