भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 2 ( ढ ) अपराध से कोई ऐसा कार्य या लोप अभिप्रेत है जो तत्समय प्रवृत किसी विधि द्वारा दण्डनीय बना दिया गया है और इसके अन्तर्गत कोई ऐसा कार्य भी है जिसके बारे में पशु अतिचारी अधिनियम 1871 (1871का 1) की धारा 20 के अधीन परिवाद किया जा सकता है।
राहुल कुशवाहा अधिवक्ता विधिक सलाहकार उच्च न्यायालय इलाहाबाद।
सम्पर्क सूत्र 👉 9452714702