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सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (Right to Information2005)

Updated: Jul 20, 2021

भारत में सूचना का अधिकार विभिन्न जन आंदोलन का परिणाम है। प्रथम आंदोलन की शुरुआत सन् 1990 में हुई जब मजदूर किसान शक्ति संगठन ने राजस्थान सरकार के सामने यह मांग रखी कि अकाल राहत कार्य और मजदूरों को दी जाने वाली पगार का खुलासा किया जाए।

सन् 1996 में लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में सूचना का अधिकार अधिनियम बनाने की बात कही।

इसी क्रम में सन् 2002 में सूचना की स्वतंत्रता का विधेयक पारित किया गया तथा इसे पुनः 2005 में सूचना का अधिकार का विधेयक पारित किया गया । जून 2005 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सूचना के अधिकार अधिनियम को अपनी मंजूरी दी ‌और यह विधेयक 12 अक्टूबर, 2005 से सम्पूर्ण भारत में लागू हो गया।


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